रविवार, 7 नवंबर 2021

फरड़ोद एक गृहिणी जो रीट परीक्षा के टाॅपर्स की लिस्ट में हुई शामिल ।

प्रत्येक देश के दो पंख होते हैं एक स्त्री दूसरा पुरुष देश की उन्नति में एक पंख से उड़ान नहीं भर सकते।
जेम्स स्टीफेंस ने कहा था की स्त्रियां पुरुषों से अधिक बुद्धिमान होती है क्योंकि वह पुरुष से कम जानती, किंतु उससे अधिक समझती है। 

एक महिला जिसका पति सरहद पर देश की रक्षा में लगा हो है और वह अपने पत्नि मां व बहू का फर्ज अदा करते हुए, अपनी लग्न व कड़ी मेहनत की बदौलत रीट परीक्षा में टॉपर्स की श्रेणी में स्वयं को शामिल करती हैं। आज हम बात करते हैं फरड़ोद के रामदेव फरड़ौदा की पुत्रवधू सुमन चौधरी की जिनके पांच वर्ष का एक लड़का भी है। सुमन एक पुरुष प्रधान समाज में रहकर उन्होंने शिक्षा के कारण अपनी अलग पहचान बनाई है, एक महिला की तमाम जिम्मेदारियों को निभाते हुए। उनके पति हवलदार ओमप्रकाश ने हमें बताया कि सुमन ने 2012 में RPET (राजस्थान प्री इंजीनियरिंग टेस्ट) क्वालिफाई किया था। सांइस मैथमेटिक्स में B.sc. व ह्युमन राइट्स डिप्लोमा भी किया हुआ है। उन्होंने बताया कि सुमन ने दो मर्तबा CTET (सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) को 2018 में 92 अंकों व 2019 में 111 अंकों के साथ क्वालीफाई किया। अब इस साल रीट 2021 लेवल1 की परीक्षा में 150 में 141 अंक प्राप्त किए।
हमनें सुमन से उनके सफलता की राह टंटोलना चाहा तो उन्होंने ने हमें बताया कि अपने आप में विश्वास होना जरूरी है कि यह में कर सकता हूं, अपने आप को अडिग दृढ़संकल्पित होकर लक्ष्य को साधना, ना कि पेपर लीक या आउट होते हैं या पहले ही पेपर बिक जाते हैं ऐसी बातों में आकर अपना आत्मविश्वास ना गिराए और मानसिक रूप कमजोर होते हैं, अगर आपने मेहनत की है तो पेपर बिकता है तो बिकने दो उन पर ध्यान मत दो आपकों आपनी मेहनत पर विश्वास करना उसका का फल अवश्य मिलेगा।
उन्होंने बताया कि मैंने 15 से 20 बार रिवीजन तथा अत्यधिक टेस्ट दिए एवं ग्रुप डिस्कशन किया। माता पिता का सपोर्ट (सहयोग) तो हर बच्चे को मिलता है पर मुझे माता पिता के साथ-साथ सास ससुर जी का पूरा योगदान मिला
मैं अपनी सफलता का श्रेय सास ससुर जी व अपनी पति को देती हूं।
स्त्री कभी हारती नहीं है उसे हराया जाता है समाज क्या कहेगा यह कहकर बचपन से डराया जाता है। 

सोमवार, 6 सितंबर 2021

फरड़ोद के भामाशाह शिवदानराम फरड़ौदा को नागौर जिला प्रशासन ने किया सम्मानित।

नागौर जिला प्रशासन ने आज फरङोद गांव के भामाशाह शिवदानराम फरङोदा को उनके द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फरङोद में 21.51लाख राशि (छात्राओं हेतु शौचालय कॉम्पलेक्स, विधालय का मुख्य द्वार व जल मंदिर निर्माणाधीन) का  सहयोग कर सराहनीय कार्य करने पर जिला कलेक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी ने प्रशस्ति - पत्र प्रदान किया।

शनिवार, 4 सितंबर 2021

फुटबॉल चैम्पियन्स के संघर्ष की दास्तान

फरड़ोद की फुटबॉल टीम ने जीता फाइनल मुकाबला
फुटबॉल चैम्पियन्स के संघर्ष की दास्तान 
यूँ ही नहीं जीते जाते रण के मैदान

यह जीत नहीं थी आसां यूहीं नहीं जीते जाते है रण के मैदान। घोर तपस्या,संघर्ष,लग्न,कड़ी मेहनत, के साथ मैदान में पसीना बहाना पड़ता है जनाब। यूहीं नहीं लिखी जाती हैं विजयगाथाएं। फरड़ोद की इस टीम ने एकबार फिर फरड़ोद के फुटबॉल इतिहास को दोहराने का कार्य किया है। फाइनल मुकाबला बेहद रोचक रहा। विपक्षी टीम मजबूत तो थी ही उपर से वहां के दर्शको का सर्पोट पूरा विपक्षी दल को था ऐसे में जीत पाना बेहद मुश्किल था। कहते हैं ना कि मुश्किलों का सामना तो रणबांकुरे ही किया करते है कायरों का काम नहीं। चैम्पियन वही बनता है जो सामने आने वाली मुसीबतों व दिक्कतों को ही दिक्कत में डालकर विजय फतेह करते हैं। मैच के शुरुआत में ही विपक्षी टीम ने गोल दाग दिया ऊपर से दर्शकों की हूटिंग। ऐसे में फरड़ोद की टीम पर मानसिक दबाव बना लिया था विपक्षी टीम ने। पर फरड़ोद के रणबांकुरे कहां हार माननें वाले थे। 
जैसे ही मनोज व ग्राम सरपंच इन दोनों की मैदान में मौजूदगी को देखतें ही फरड़ोद की पूरी टीम जोश में लौट आई।
फरड़ोद की टीम ने विपक्षी टीम पर करारा प्रहार करते हुए गोल दाग दिया। ऐसे मे विपक्षी खेमें में खलबली मच गई पूरा मैदान सन। दर्शकों और विपक्षी टीम ने इस गोल को अमान्य करार दिया और हूटिंग करने लगें।
विपक्षी टीम ने मैच रुकवा दिया ऐसे में फरड़ोद की टीम ने सुरक्षा हेतु पुलिस बल मंगवा लिया गया टीम सुरक्षा के लिए। बाद में उस गोल को मान्य माना गया। मैच खत्म होनें तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थी। मैच निर्णय के लिए रैफरी को पेनल्टी यों का सहारा लेना पड़ा जिसमें फरड़ोद ने 3-2 से मैच को जीत लिया। 
सही मायने इस जीत सबसे बड़े नायक शारीरीक शिक्षक हड़मानराम जी फरड़ौदा है उनकी लग्न मेहनत का यह नतीजा है कि आज टीम इस मुकाम पर है। इस जीत में मनोज का किरदार भी बहुत बड़ा है वह सुबह शाम हमेशा खिलाड़ियों को अभ्यास करवाना खेल के प्रति सकारात्मक सोच व अपने किट का आदर किस तरह किया जाता है उस पर खिलाड़ियों को मोटिवेट करना।

04 सितम्बर 2019 का प्रसंस्करण

सोमवार, 30 अगस्त 2021

Aiff Futsal refereeing Course का फिटनेस टेस्ट ,समापन समारोह राजस्थान फुटबॉल एसोसिएशन द्वारा फरड़ोद में आयोजित


फरड़ोद में Aiff Futsal refereeing Course  का फिटनेस टेस्ट ,समापन समारोह राजस्थान फुटबॉल एसोसिएशन द्वारा फरड़ोद में आयोजित किया गया।


 फिटनेस टेस्ट AIFF Futsal instructor  मनोज जाट HOR referee RFA  के कौशिक चंदा ने लिया 24 फुटसल रफेरीयो ने फिटनेस टेस्ट दिया टेस्ट पास करने वाले AIFF FUTSAL के रजिस्टर रफेरी बनेगें।


समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि राजस्थान फुटबॉल एसोसिएशन के चेयरमैन श्री जयनारायण जी गहलोत, RFA के उपाध्यक्ष एवं रफेरी कमेटी के चेयरमैन श्री महेंद्र जी बिजारनिया मुख्य अतिथि श्री बिशनसिंह सिंह भाटी , डॉ श्री अभिनव राठौड़,डॉ श्री प्रमेसिह बुगासरा श्री मो.रफीक ,श्री डॉ दिनेश सिंह, श्री मकसूद अहमद,श्री अजित साहरण श्री आशिष दुबे कार्यक्रम कि अध्यक्षता श्री अनवर अली ने की इस दौरान डॉ अभिनव राठौड़ की पुस्तक अभिनव सार संग्रह का विमोचन किया गया। समापन समारोह में RFA के पदाधिकारियों ने शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र के लिए।

विद्वानों ने शिरकत की फुटबॉल क्लब फरडोद की और खेल प्रतिभाओं को समानित किया गया ये आयोजन फरडोद के लिए ऐतिहासिक रहा। फुटबॉल क्लब फरडोद एवं समस्त ग्रामवासियों की और से  RFA के अध्यक्ष श्री मानवेन्द्र जसोल सचिव श्री दिलीप सिंह का धन्यवाद जो इस आयोजन की मेजबानी दी और समस्त महमानो को धन्यवाद



रविवार, 29 अगस्त 2021

गांव के लड़के को Wal-Mart कम्पनी से मिला लाखों का पैकेज

परिंदो को मिलेगी मंज़िल एक दिन

ये फैले हुए उनके पर बोलते है

और वही लोग रहते है खामोश अक्सर

ज़माने में जिनके हुनर बोलते है!!



कहते हैं ना कि इंसान की सबसे बड़ी ताकत शिक्षा होती है इसी का एक छोटा सा उदाहरण आपके सम्मुख रख रहा हूँ शायद आप सभी ग्रामवासियों को पंसद आयेगा और युवा वर्ग को इससे काफी प्ररेणा भी मिलेगी।


हमारे गांव के सुण्डाराम फरड़ौदा (सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुंदरम्) Walmart कम्पनी (विश्व की सबसे बड़ी रेवन्यू अर्थात राजस्व कमाने वाली कम्पनी) ने प्रमोशन करते हुए उनका सालाना पैकेज 2236800/- रु. (बाईस लाख छतीस हजार आठ सौ रुपये) किया गया है। 

सुण्डाराम बचपन से ही पढ़ाई में होशियार व अनुशासित छात्र रहा है। फरड़ोद का वह पहला छात्र था जो आठवीं कक्षा में मेरिट 90%+ में आने वाला (2005-06) में। इससे पहले फरड़ोद के लोगों को मेरिट के बारे मे कम ही मालूम था तब इस शख्सियत ने वो कारनामा करके दिखाया था उसी का आज यह नतीजा है कि वह आज सफलता के बुलंदियों पर खड़े हैं।

कक्षा 10वीं तक की पढ़ाई फरड़ोद की सरस्वती विद्यालय में की। आगे पढ़ाई के लिए वह जोधपुर चले गए श्री महेश सी.सै. विद्यालय जोधपुर से कक्षा 11th & 12th विज्ञान संकाय से की पूर्ण की।

बाद में चैन्नई के SRM यूनिवर्सिटी से B.Tech की पढा़ई पूर्ण करने के बाद फरवरी 2015 में वह Wipro Limited कम्पनी बैंगलोर में बतौर प्रोजेक्ट इंजीनियर पद पर आसीन हुए। अक्टूबर 2017 में Amdocs India पुणे में Software Developer के पद पर कार्य किया। वहीं जुलाई 2018 से वर्तमान में पुणे की Infosys Pune Phase-2 में Senior Associate Consultant के पद पर कार्यरत् है।

Amodcs कम्पनी ने अपने ऑफिस कार्य के लिए सुण्डाराम को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर भी भेजा था।

और वह उनको अनेक भाषाओं की जानकारी है संस्कृत अग्रेंजी हिन्दी जापानी राजस्थानी आदि भाषाओं का ज्ञान रखते है।

सुण्डाराम का खेलों से भी काफी जुड़ाव  हैं, खासकर क्रिकेट से।

वह एक शालीन व बौध्दिक शक्ति के धनी शख्सियत है।

आर-लीग ए डिवीजन फुटबाॅल लीग

 राजस्थान फुटबॉल एसोसिएशन द्वारा जयपुर में आयोजित आर-लीग ए डिवीजन फुटबाॅल लीग में फरड़ोद के मनोज जाट को बतौर निर्णायक (रैफरी) नियुक्त  किया गया है। मनोज को यह नियुक्ति ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन से केट 5 कोर्स किये जाने पर मिली है। फरड़ोद के इस फुटबॉलर ने अपने प्रोफेशनल खेल में आगे बढने के लिए अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया और कईं उतार-चढ़ाव के बीच आज अपने खेल में अपनी अमीट छाप छोड़ी है। अपने खेल को तो बुलन्दियों पर लेके गये ही अपितु फरड़ोद के कईं युवाओं को इस प्रोफेशनल में आगे लाने का कार्य किया। इस बात का पर्याय आप शमशेर खान, सचिन फरड़ौदा, रामस्वरूप शर्मा, तिलोक फरड़ौदा, जावेद अली को देखकर प्रतिपादित कर सकते हैं। मनोज की ही छत्रछाया में खेलकर आज राजस्थान की इसी फुटबॉल लीग में शमशेर खान बतौर खिलाड़ी राॅयल राजस्थान टीम का हिस्सा है। सचिन फरड़ौदा इस फुटबॉल लीग में बतौर फील्ड मैनेजर व रामस्वरूप शर्मा, तिलोक फरड़ौदा, जावेद अली वाॅलेंटियर नियुक्त कियें गयें है। 


फरड़ोद को इन खिलाड़ियों ने फरड़ोद को गौरान्वित किया है जो इस फुटबॉल लीग में अलग-अलग जिम्मेदारियों के तौर पर भाग ले रहे है ।

इस फुटबॉल लीग का युट्युब पर लाइव प्रसारण किया जा रहा है ।

25 july 2021 का प्रसंग

फरड़ोद का फुटबाॅल इतिहास


 फरड़ोद का फुटबाॅल इतिहास 

आज हम बात करतें है दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल  फुटबॉल की। जहां भारत में क्रिकेट को धर्म की तरह माना जाता है पर उस देश में फुटबॉल को इतनी वरियता नहीं दी गई लेकिन राजस्थान के नागौर जिले का एक ऐसा गाँव फरड़ोद जो सिर्फ़ और सिर्फ फुटबॉल को अपना धर्म मानता है। इस गाँव में प्रत्येक घर से आपको फुटबॉलर मिल जायेगा। फुटबॉल का पर्याय है फरड़ोद गाँव इस गाँव के बच्चों युवाओं व बुजुर्गों में भी  फुटबॉल के प्रति क्रेज है। हमें कईं बार लोग पूछते है कि आप के गांव में फुटबॉल को लेकर लोगों में इतनी दीवानगी कैसे है। आज हम आपको फरड़ोद के फुटबॉल इतिहास के बारे में बताते है। फरड़ोद के फुटबॉल का जनक किसी को माना गया है तो वह वरिष्ठ अध्यापक मोहम्मद अली (अनवरजी) को। जिन्होंने फरड़ोद के सरकारी विद्यालय में 10 सितम्बर 1975 को बतौर अध्यापक पदभार संभाला था। उस समय फरड़ोद का वर्तमान खेल मैदान एक बंजर भूमि थी और यहां रेत के धोरे व कंटिले पेड़ थे। उस समय उन्होंने उनको साफ व समतल करवाया। बबूल के कांटेदार टेहनियो से चारों और बाड़ करवाकर एक खेल मैदान बनाया। मोहम्मद अली सिर्फ एक अध्यापक थे जिनका कार्य मात्र बच्चों को पढ़ना था। लेकिन उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को खेलों में भी आगे बढाने का कार्य किया। मैने जब उनसे पूछा कि आपनें फुटबॉल को ही क्यों चुना तो उन्होंने हम बताया कि मेरा स्वयं की इस खेल में रूचि थी और बच्चे भी दूसरे खेलों की बजाय फुटबॉल खेलना पंसद करतें थे। सर्वप्रथम फरड़ोद की फुटबॉल टीम ने सन्1975-76 में तहसील स्तर पर कठौती ग्राम में हुई प्रतियोगिता में भाग लिया था। लेकिन उस समय कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई टीम।  उसके बाद खाटू व आकोड़ा में हुई प्रतियोगिता में भी टीम का कुछ खास प्रदर्शन नहीं रहा। इसके बाद 1980 से शुरू हुआ था फरड़ोद के फुटबॉल का स्वर्णिम दौर। झाड़ेली ग्राम में हुई तहसील स्तर फुटबॉल प्रतियोगिता 1980-81 में फरड़ोद उपविजेता रहा। अध्यापक मोहम्मद अली ने तत्कालीन ग्राम सरपंच रामकरण धोजक से आग्रह करके 1981-82 में अपने फरड़ोद गाँव में फुटबॉल प्रतियोगिता रखी गई जहां सर्वप्रथम फरड़ोद की टीम तहसील स्तर पर विजेता बनी थी। उस वर्ष फरड़ोद की खो-खो, वाॅलीवाॅल में भी उपविजेता रही थी। डेगाना में 1981-82 जिला स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता में फरड़ोद की टीम पहली मर्तबा किसी जिला स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता में भाग लिया और विजेता बनी। सम्पूर्ण राजस्थान में इसके बाद शुरू हुआ था फरड़ोद का फुटबॉiल में एकछत्र राज। लगातार तीन वर्ष तक राज्यस्तर पर चैम्पियंन रहे। 1983 में डेगाना, 1984 में बांदीकुई दौसा (तत्कालीन जयपुर जिला) व 1985 में चितौड़ में हुई राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता में लगातार तीन वर्ष तक विजेता रहे ।इसके बाद फरड़ोद के फुटबॉल में उतार चढ़ाव आते गये फिर भी राज्यस्तर तथा जिला स्तर पर प्रदर्शन अव्वल रहा तथा ग्रामीणों में फुटबॉल के प्रति लोकप्रियता बरकरार रही 2014 के बाद में एक नया युग शुरू हुआ । उस दौरान से आज तक फरड़ोद से 88 खिलाड़ी राज्य स्तर पर और 13 खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके है ।फरड़ोद के फुटबॉल को नया स्वरूप देने के लिए मनोज जाट ने फरड़ोद क्लब फुटबॉल का गठन करवाकर इसके बाद फरड़ोद में हर वर्ष फुटबॉल शिविर लगाया जाता है फरड़ोद क्लब फुटबॉल की और से ताकि खिलाड़ियों के खेल में निखार लाया जा सके।

▪लेकिन फरड़ोद में फुटबॉल के इतिहास को जब भी खंगाला जायेगा तो सुखवीर सिंह और अब्दुल रहमान का नाम सर्वोपरि लिया जायेगा। इनका फरड़ोद में फुटबॉल के इतिहास में अविस्मरणीय योगदान रहा।

▪सुखराम भाटी, मनोज जाट व शमशेर खान इन तीनों खिलाड़ियों ने राजस्थान फुटबॉल टीम का बतौर कप्तान प्रतिनिधित्व किया है।

▪राष्ट्रीय स्तर पर खेल हुऐ फुटबॉल खिलाड़ी - 

●प्रतापराम चांगल     ●सुखराम भाटी

●हड़मानराम फरड़ौदा ●सोहन लाल 

●जगदीश प्रसाद       ●चन्द्रसिंह फरड़ौदा 

●बलदेवराम बिडियासर ●मांगीलाल गुर्जर

●पाबुराम गुर्जर ●प्रेमाराम ●चेनाराम चांगल 

●बलदेव राम फरड़ौदा ●हीराराम गुर्जर

●दिनेशकुमार शर्मा ●ओमाराम ●रामकिशोर फरड़ौदा  ●नाथूराम शर्मा ●रामप्रसाद ●रेंवतराम गुर्जर 

●मनोज जाट ●मुकेश फरड़ौदा ●शमशेर खान ●पूनमचन्द ●तपस्वीकरण ●सचिन फरड़ौदा 


      ✍लेखन 

    नवरतन मेघवाल

फरड़ोद के नवरतन शर्मा बना चार्टर्ड अकाउंटेंट्स।

 द स्टूडेंट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा घोषित परिणाम में ग्राम फरड़ोद के नवरतन शर्मा पुत्र राजकुमार शर्मा का चयन हुआ है। नवरतन ...